स्वरूप टुडे संवाददाता
मसौली बाराबंकी। दुर्गा पूजा महोत्सव के दौरान मसौली कस्बे मे लगाए गये लाल झंडो मे से एक झंडा गायब होने की से सोमवार की सुबह सैकड़ो की संख्या मे एकत्रित हुए हिन्दु समुदाय के लोगों ने विशेष वर्ग के लोगो पर झण्डा जलाने एव लोहे के पाइप को तोड़ने का आरोप लगाया सूचना पर पहुंची मसौली पुलिस ने आनन-फानन में दूसरा झण्डा लगवाते हुए आस-पास लगे सीसीटीवी के फुटेज देखे गये जिसमे झंडे जलाने का कोई पुष्टि नही हुई।
नवरात्रि पर कस्बे में लगाए थे झंडे
थाना एवं कस्बा मसौली में नवरात्रि को लेकर एक दिन पूर्व को लेकर हिन्दू समुदाय के लड़कों ने लाल रंग के गांव में झण्डा लगवाये थे। जिसमें एक झण्डा डिलाइट स्कूल के पास बिजली के खम्भे से भी लगाया था जो रात्रि मे गायब हो गया था तीन अक्टूबर को पुनः झण्डा लगाते समय विशेष समुदाय के कुछ लोगों की आपत्ति की जिसपर पुलिस ने खम्भे से हटाकर बांस में लोहे के राड से झण्डा लगा दिया था। सोमवार की देर रात झण्डा न दिखाई देने पर एक एक करके भीड़ बढ़ने लगी। और हिन्दू समुदाय के लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसी के पास में झण्डा जला दिया गया है जिसका थोडा सा कपड़ा अभी पड़ा हुआ है और लोहे के राड को तोड़ कर कुछ दूरी पर फेंक दिया गया। यह बात आग की तरह फैल गई। देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या मे भीड़ जुट गयी। बात आगे बढ़ती की मसौली पुलिस ने लोगो समझाबुझाकर दूसरा झण्डा लगवा दिया। लेकिन भीड़ मे एकत्रित लोगो ने झण्डा को जलाने एव पाइप को तोड़ने वाले लोगों पर कार्यवाही पर अड गये । जिस पर पुलिस ने सभी को आश्वासन देते हुए कहा कि मंगलवार की सुबह आसपास लगे सीसीटीवी के फुटेज चेक करके कार्यवाही की जायेगी। मंगलवार की सुबह मसौली प्रभारी निरीक्षक यशकांत सिंह पुलिस बल के साथ, बदोसराय पुलिस, पीआरबी जिला प्रभारी अरुण प्रताप सिंह, सीओ रामनगर सौरभ श्रीवास्तव, नायब तहसीलदार रामजीत यादव, कानून गो स्वामी नाथ सोनी, लेखपाल प्रवेश तिवारी सहित पहुंच कर मस्ताना शाह बाबा की मजार पर लगे सीसीटीवी के फुटेज को खंगाला परन्तु जब कि घटना थी उस समय अंधेर के कारण फुटेज नही आ सके थे। जबकि उसी स्थान के निकट हाई मास्क लाइट लगी हुई है।
पुलिस की सूझ बूझ से शांत हुआ मामला
पुलिस ने भीड़ को समझा बुझाकर मामले को शान्त कराकर वापस कर दिया । प्रभारी निरीक्षक यशकांत सिंह का कहना है कि जिस स्थान पर झण्डा लगा हुआ था उस स्थान के पास पुराना कुआं है उसी के पास के दुकानदार कूड़े को जलाते थे। उसमें जो जला हुआ कपड़ा मिला है वह झंडा का नहीं बल्कि साड़ी का था। वह मेरे पास सुरक्षित है।सीसीटीवी कैमरे में झण्डा उतारते या जलाते हुए फुटेज नही मिले है।