मुईद अहमद
फतेहपुर, बाराबंकी। जनपद बाराबंकी के कस्बा फतेहपुर की दर्जियान मस्जिद में मौलाना अब्दुल अलीम फारूकी रह0 अ0 की याद ने एक ताअजियाती जलसा बाद नमाज़ ईशा मुंक्किद किया गया।
जलसे में मौलाना मोहम्मद हबीब क़ासमी इमाम जामा मस्जिद व ईदगाह फतेहपुर ने अपने बयान में कहा की अल्लाह सब्र करने वालों के साथ है जब कभी कोई मुसीबत आए तो मोमिन को सब्र करना चाहिए ऐसी जात आज हमारे बीच से चली गई मौलाना अब्दुल अलीम फारूकी रह0अ0 आज हमारे बीच नहीं रहे अब हमको चाहिए की उनकी मगफिरत की दुआ करें पूरी मिल्लत पर उनका एहसान है वरना हम कहां होते है इसका अंदाजा भी नहीं ये सब उनके घराने की खिदमात है आपको मक्का में बुलाया गया सद्दाम हुसैन के जमाने में आपको ईरान बुलाया गया था जहां पर आप की तकरीर हुई आप ने पूरी दुनिया का सफर किया सभी देशों के लोग आप से मशवरा लेते थे। फतेहपुर में दरसे कुरआन का सिलसिला हजरत मौलाना की वजह से ही चालू हुआ आज लगभग 23 वां पारह चल रहा है हजरत मौलाना जब पूछते थे की दर्स ए कुरआन चल रहा है तो हम कहते थे हां तो हजरत मौलाना बहुत खुश होते थे जो फायदा दर्स ए कुरआन से होता वो किसी तकरीर या जलसे नहीं होता है।
गांव गांव जाकर किया इस्लाम का प्रचार
इस मौके पर मुफ्ती नजीब कासमी ने हजरत मौलाना के बारे में कहा की मौलाना अब्दुल अलीम फारूकी रह0अ0 मदहे सहाबा का काम सिर्फ लखनऊ तक सीमित नहीं रखा था बल्कि पूरी दुनिया में जाकर सहाबा एकराम के बारे में बताया करते थे हजरत मौलाना गांव गांव जाकर सहाबा एकराम के बारे में बताते थे मौलाना फकरुद्दीन हक्की ने कहा की मौलाना अब्दुल अलीम फारूकी रह0अ0 का एहसान पूरी उम्मते मुस्लिमा पर है क्यूकी हजरत ने सहाबा एकराम के तरीकों को लेकर बड़ी मेहनत की है जिससे हमारा दीन बाकी रहे जिसने सहाबा पर कीचड़ उछाला उसने नबी पर उछाला और जिसने नबी पर उछाला उसने अल्लाह को नाराज किया एक आलिम की वफात पूरे आलम की वफात है।
इस मौके पर मौलाना युनुस,शाकिर बहलीमी,शायर अब्दुल हादी फैजी,हाजी मो0 आमीन कुरैशी,हाजी नियामत रसूल,मो0 ताहिर, आदि लोग मौजूद रहे
अंत में मौलाना मोहम्मद हबीब क़ासमी की दुआ पर जलसे का समापन किया गया