अशरफ अली
बाराबंकी। बेरोजगार युवकों को गल्फ कंट्री में जॉब दिलाने के नाम पर अक्सर ठगा जाता रहा है। भोले भाले लोग एजेंटों के चक्कर में फंसकर अपनी जिंदगी से खिलवाड़ कर लेते है। ऐसा ही एक मामला बाराबंकी के थाना जहांगीराबाद अंतर्गत ग्राम अच्छेछा से सामने आया है।
अछेछा गांव निवासी सदाब पुत्र मोहम्मद सगीर को सऊदी अरब भेजनें के नाम पर फरहत मो असहद निवासी भयारा थाना जहांगीराबाद ने डेढ़ लाख रूपए लेकर ड्राइवरी का वीजा दिया था। 12 अक्टूबर 2024 सादाब सऊदी अरब के लिए रवाना हो गए। सऊदी अरब के मदीना शहर में सादाब जब पहुंचे तो उन्हें गाड़ी चलाने के बजाय मेंटल हॉस्पिटल के मरीजो के केयरटेकर का काम सौपा गया, जिसमें मेंटल मरीजों का नहलाना धुलाना और उनकी पैंपर्स तक बदलना तथा नाखून काटने जैसे काम दिए गए । इस संबंध में जब शादाब ने इसका विरोध किया तब भयारा निवासी फरहत का भाई जो कि सऊदी अरब में काफी समय से रह रहा था और उसी के पास सादाब पहुंचे थे उसने सादाब को काफी डरा धमका कर केयरटेकर का कामना करने के लिए मजबूर किया। पीड़ित शादाब के अनुसार वापस भारत भेजने के लिए रफत ने उससे दो हजार रियाल inr में (4400) लगभग और ऐंठ लिए। लेकिन 2000 रियाल लेने के बाद रफत ने इस मामले में अपना हाथ खींच लिया और कहा हम इस मामले में अब कुछ नहीं कर सकते हैं सऊदी हुकूमत जैसा चाहेगी वैसा तुम्हारे साथ करेगी।
आखिर मेहनत मजदूरी करके दो-दो पैसा जोड़ने के बाद सऊदी अरब रोजी रोटी की तलाश में गए शादाब के पास खाने तक के पैसे नहीं रह गए थे जिसके चलते सादाब बहुत परेशान थे। उन्होंने अपने एक करीबी रिश्तेदार को फोन कर इस संबंध में जानकारी दी और मदद की गौहर लगाइए करीबी रिश्तेदार सऊदी अरब के तायेफ शहर में रह रहे थे। शादाब के हालात सुनने के बाद उन्होंने तुरंत मदद करने के लिए खड़े हो गए और शादाब को इस मुश्किल घड़ी में जो की एक महीना 18 दिन मुश्किल में रहे शादाब को पैसे देकर इंडिया भिजवा। वापस आकर शादाब ने स्थानीय थाना जहांगीराबाद पर तहरीर दे कर न्याय की गुहार लगाई है ।
थाना प्रभारी अभय मौर्य ने इस मामले में बताया कि पीड़ित की तरफ से तहरीर प्राप्त हुई है विपक्षी को बुलाकर जांच कर दोषी पाए जाने पर मुकदमा लिख विधि कार्रवाई की जाएगी।