मासूम बच्चों ने रमज़ान का पहला रोज़ा रखा मां बाप से ली दुआएं
सगीर अमान उल्लाह ब्यूरो
बाराबंकी 2 फरवरी यह एक बहुत ही प्यारी और प्रेरणादायक स्थिति है। बच्चों के लिए रमज़ान के दौरान रोज़ा रखना एक महत्वपूर्ण अनुभव है, जो उन्हें संयम, सहनशीलता और धार्मिक जिम्मेदारी के बारे में सिखाता है। यह पल उनके जीवन में हमेशा यादगार रहेगा।
अपना पहला रोज़ा रखने वाले बच्चों में यासिर अम्मार इब्न मौलाना रफ़ी क़ासमी उम्र 9 वर्ष मोहम्मद यूनुस इब्न मोहम्मद लईक का नाम शामिल है बच्चे इस खुशी में रात भर सेहरी का इंतज़ार करते रहे और फिर अपना पहला इफ्तार अपने माँ बाप के साथ किया इस खुशी के मौके पर उन के मां बाप ने अपने बच्चों को खिलाने पिलाने के साथ तोहफे और नेक दुआएं दीं इस सिलसिले में हमारे सववदाता ने मौलाना रफी क़ासमी से इन मासूम रोज़ेदारों के सिलसिले में बात की तो उन्होंने ने कहा कि अगर देखा जाए अभी इन बच्चों पर रोज़ा फ़र्ज़ नहीं है मगर मां बाप के अपने बच्चों को छोटी उम्र में नमाज़ रोज़े का शौक़ दिलाने से ये बच्चे आगे चल कर एक दीनदार और नेक इंसान बनते हैं
इस सिलसिले में इन मासूम बच्चों के बाप और भाइयों से हमारे संवाददाताओं ने बात की उन्होंने बताया कि हमारे बच्चे का पहला रोजा रखा था यह देखकर हमें बहुत खुशी हुई और हमारे आंखों से आंसू निकल पड़े, इतनी छोटी सी उम्र में दिन भर बिना कुछ खाए पिए दिन भर भूखे रहना सब की बस बात नहीं,हमारी अल्लाह से दुआ है कि इन मासूम बच्चों के रोज कबूल फरमाए, मुबारक बाद देने वालों में सभासद मो नईम, सगीर अमान उल्लाह पत्रकार,हाजी मो इसरार,हाजी जमील,हाजी परवेज आलम,बुनकर सर्व समाज के प्रदेश अध्यक्ष जबीउद्दीन अंसारी,इशरत अली अंसारी आदि लोग शामिल थे