रामजानकी मंदिर बड़ा ठाकुरद्वारा की सम्पत्ति कोई नही बेच सकता हैं
ठाकुरद्वारा की सम्पत्ति न कोई बेच सकता है न खरीद सकता है न ही उसका स्वरूप बदला गया है-पवन वैश
सगीर अमान उल्लाह ब्यूरो
बाराबंकी:रामजानकी मंदिर बड़ा ठाकुरद्वारा में नियमित पूजा-पाठ व प्रत्येक पर्वाें पर भव्य कार्यक्रम सम्पन्न हो रहे हैं। ट्रस्ट की सम्पत्ति न कोई बेच सकता है न खरीद सकता है न ही उसका स्वरूप बदला गया है। बेचने का दावा करने वाला कथित स्वयंभू समाजसेवी उस भूमि की रजिस्ट्री पेश करे अन्यथा अफवाह फैलाने वाले के विरूद्ध कमेटी की ओर से उसके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया जाएगा।रामजानकी मंदिर बड़ा ठाकुर द्वारा अध्यक्ष पवन कुमार वैश्य ने बताया कि बड़ा ठाकुर द्वारा के स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। दुकानें मंदिर स्थापना के साथ ही बनी हुई थी व किराए पर उठी हुई थी। पूर्व की भांति जहां पर दुकाने स्थित थी उसी प्रकार उसका जीर्णोद्धार कर पुनः दुकाने स्थापित की गई हैं। मंदिर के ट्रस्ट की कोई भी जमीन न कोई बेच सकता है न खरीद सकता है।उन्होंने बताया दुकाने जर्जर होने व दुकानदारों द्वारा किराया न देने के कारण कमेटी व बिल्डर नौशाद उर्फ चन्दा के साथ समझौता हुआ। जिसपर पुराने दुकानदारों को बिल्डर ने दुकाने खाली करने की कीमत दे दी है। जिसकी रसीदें उपलब्ध है व कोतवाली में भी इसकी प्रतियां उपलब्ध कराई गई थी। बाद में नई दुकानें बनाई गई है, बिल्डर की जो कीमत बनाने में लगी है उसको दिया जाएगा। बाकी रकम व उन दुकानों को जो भी किराया आएगा वह सदैव ट्रस्ट के खाते में जाएगा।
अध्यक्ष ने बताया कि 34 वर्ष पूर्व माननीय जज श्री केएन सिंह द्वारा गठित न्यास के अंतर्गत सारे कार्य किए जाते हैं। जिसमें आगे के दुकानदारों व मंदिर का पूर्व स्पष्ट विवरण दिया हुआ है। जिसकी कापी कोतवाली व एसडीएम को दी जा चुकी है। इसके बावजूद मनीष द्वारा न्यास को अनावश्यक रूप से क्षति पहुंचाने की दृष्टि से अर्नगल प्रयास किया जाता रहा है। इसी प्रकार जिले में तैनात उस समय के पूर्व जिलाधिकारी योगेश्वर नाथ मिश्रा द्वारा स्वयं मंदिर एवं दुकानों का निरीक्षण किया था जिसमें कोई भी अनियमिता नहीं पाई गई थी उन्होंने संतोष व्यक्त किया था।
अध्यक्ष ने बताया कि गत 15 वर्ष पूर्व इसी प्रकरण में एफआईआर दर्ज हुई थी जिसमें पूर्व कमेटी अध्यक्ष स्व0 सूर्य प्रकाश टण्डन जेल गए थे। जांच पड़ताल में पाया गया था कि मंदिर का स्वरूप नहीं बदला गया न अनावश्यक तोड़-फोड़ की गई थी।उसके बाद भी अपने को स्वयंभू समाजसेवी मनीष मेहरोत्रा ने ठाकुर द्वारा कमेटी पर अर्नगल आरोप लगाकर लोगों व जिला प्रशासन को गुमराह करने का असफसल प्रयास किया है। यदि मंदिर कोई भाग किसी के द्वारा किसी को भी बिक्री की गई है तो वोह उसकी रजिस्ट्री दिखाये।