Breaking News

गांधी जी की 155 वीं जयंती पर जिलाधिकारी ने ध्वजारोहण किया साथ ही स्वच्छता की शपथ भी दिलाई।

गांधी जी की 155 वीं जयंती पर जिलाधिकारी ने ध्वजारोहण किया साथ ही स्वच्छता की शपथ भी दिलाई।

गांधी जी और शास्त्री जी के जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत : डीएम सत्येंद्र कुमार

सगीर अमान उल्लाह ब्यूरो
बाराबंकी: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जी दोनों महान विभूतियों के मूल स्वभाव में बहुत समानता थी। दोनों विभूतियां दूसरों के कष्टों को अपना कष्ट समझते थे।गांधी जी और शास्त्री जी के जीवन से हम सबको प्रेरणा लेने की जरूरत है। उक्त विचार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी की जयन्ती के अवसर पर जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने व्यक्त किये। कलेक्ट्रेट परिसर स्थित अपने कार्यालय में जिलाधिकारी ने ध्वजारोहण किया और स्वच्छता की शपथ भी दिलाई। इसके उपरांत लोकसभागार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी और लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्रों पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कहा कि आज हम सब लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155 वीं जयंती मना रहे है। गांधी जी का सत्य और अहिंसा का मार्ग ही लोकतांत्रिक मूल्यों को जीवंत किये है। जिलाधिकारी ने अपना स्मरण बताते हुए कहा कि बचपन में उनके नाना जी ने उन्हें गांधी जी के विषय में बताया था कि उन्होंने गांधी जी को एक कार्यक्रम के दौरान लाखों की भीड़ में दूर से देखा था, नाना जी ने बताया कि गांधी जी कोई साधारण मनुष्य नहीं बल्कि महामानव के रूप में भीड़ में नजर आ रहे थे। सब उनकी बातों को आत्मसात करते थे। जिलाधिकारी ने कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है जो लोकतांत्रिक तरीके से चल रहा है इसके पीछे का कारण यही है कि हमें जो आजादी मिली है उसका रास्ता गांधी जी ने तय किया था और वह रास्ता था सत्य और अहिंसा का। उन्होंने अवज्ञा आंदोलन में सविनय शब्द भी जोड़ दिया। गांधी जी का कहना था कि हम अवज्ञा करेगे वह भी विनय के साथ। गांधी जी ने समाज को एक रास्ता दिखाया कि कैसे हमें अपनी बात रखनी है। इसी रास्ते पर हमारा देश आज भी चल रहा है। यही कारण है कि हम आज भी लोकतांत्रिक देश के रूप में स्थापित है। जिलाधिकारी ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शास्त्री जी ने जय जवान- जय किसान का नारा देकर भारत को आंतिरक रूप से मजबूत किया। शास्त्री जी संवेदनशील होने के साथ साथ जीवंत इंसान थे। शास्त्री जी अपने आदर्शों के प्रति अडिग रहते थे। जब वह प्रधानमंत्री थे उस समय देश में अनाज की समस्या उत्पन्न हो गयी तो उन्होंने जय जवान-जय किसान का नारा देकर देश को अनाज से आत्मनिर्भर बनाया। शास्त्री जी बहुत ही साधारण रूप में रहते थे। जिलाधिकारी ने कहा कि दोनों महान विभूतियों ने स्वयं को देशसेवा में समर्पित कर दिया। आज हम सबको उनके आदर्शों पर चलने की जरूरत है। समाज के अंतिम पायदान पर खड़े इंसान के दुःख दर्द को समझने और उनके उत्थान के लिये समर्पित भाव से उनकी हर प्रकार से सेवा करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर एडीएम (न्यायिक) इंद्रसेन ने अपने विचार रखते हुए कहा कि गांधी जी ने सत्य और अहिंसा पर बल दिया इसीलिए वकालत छोड़कर देश सेवा के काम में लग गए। वहीं शास्त्री जी ने आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिये अथक प्रयास किये। एडीएम वित्त एवं राजस्व अरुण कुमार ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि दोनों महापुरुषों के आदर्शों और पगचिन्हों पर चलते हुए समाज के सबसे निर्बल व असहाय व्यक्ति के उत्थान का प्रयास करना ही दोनों महान विभूतियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम में सुश्री अनुपमा सिन्हा सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी, अशोक श्रीवास्तव मुख्य राजस्व लेखाकार और जागेश्वर सामाजिक कार्यकर्ता आदि ने भी गांधी जी और शास्त्री जी की जयंती पर गीतों के माध्यम से उनके आदर्शों को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर एडीएम वित्त एवं राजस्व अरुण कुमार सिंह, एडीएम न्यायिक इंद्रसेन, एसडीएम अनुराग सिंह, डिप्टी कलेक्टर सुश्री पूजा गुप्ता,श्याम लाल गौतम, मनीष शुक्ला, गुरु सहाय निगम प्रशासनिक अधिकारी कलेक्ट्रेट,अविनाश कुमार विशेष कार्याधिकारी जिलाधिकारी, रामदास खनन बाबू कलेक्ट्रेट सहित अन्य अधिकारीगण व कलेक्ट्रेट के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

About sageerullah

Check Also

संत गाडगे बाबा के जीवन का एकमात्र ध्येय था, लोक सेवा – हर्षचद्र कनौजिया

जाहिद वारसी बाराबंकी। दीन-दुखियों तथा उपेक्षितों की सेवा को ही वे ईश्वर भक्ति मानने वाले …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *