Taj Mahal : मोहब्बत की बेजोड़ निशानी, खूबसूरती का नायाब नमूना
पांचवे मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया गया ताज महल भारत की ऐतिहासिक धरोहर है।
ये उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे स्थित है। यहां हर साल देश विदेश से लाखो सैलानी ताजमहल की खूबसूरती देखने आते है। ये दुनिया के सात अजूबों में से एक है। इस इमारत को देश की शान होने के साथ ही प्यार की निशानी भी माना गया है।
विदेशों से बुलाए गए माहिर कारीगर
मुगलों का सबसे पसंदीदा शहर होने की वजह से उन्होंने दिल्ली से पहले आगरा को अपनी राजधानी बनाया। इब्राहिम लोदी द्वारा 1504 में बसाए गए इस शहर के बारे में किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी की ये शहर आगे चलकर खूबसूरती में अपनी एक अलग पहचान बनाएगा।
स्थापत्य कला की जीती-जागती मिसाल आगरा दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ताज महल को बनाने के लिए बादशाह ने बगदाद से एक कारीगर बुलवाया जो पत्थर पर घुमावदार अक्षरों को तराश सकता था। इसी तरह बुखारा शहर, जो मध्य एशिया में स्थित हैं, वहां से जिस कारीगर को बुलवाया गया वह संगमरमर के पत्थर पर फूलों को तराशने में माहिर था। बड़े कद के गुंबदों को बनाने के लिए तुर्की के इस्तम्बुल में रहने वाले माहिर कारीगरो को बुलाया गया और मिनारों को बनाने के लिए समरकंद से बेहतर कारीगर को बुलवाया गया।
ताज महल का निर्माण
ताजमहल के निर्माण से पहले छ: महीनों में कुशल कारीगरों को तलाश कर उनमें से 37 माहिर कारीगर इकट्ठे किए गए, जिनकी देखरेख में लगभग 20 हजार मजदूरों ने इसके निर्माण में काम किया। इसी प्रकार ताज निर्माण में लगाई गई सामग्री संगमरमर पत्थर राजस्थान के मकराना से, अन्य कई प्रकार के कीमती पत्थर एवं रत्न बगदाद, अफगानिस्तान, तिब्बत, इजिप्ट, रूस, ईरान आदि कई देशों से इकट्ठा कर उन्हें भारी कीमतों पर खरीद कर ताजमहल का निर्माण करवाया गया।
ताजमहल का निर्माण कार्य सन 1630 ईस्वी में शुरू हुआ। इसका निर्माण कार्य करीब 22 सालों में पूरा हुआ, जिसमें तकरीबन 20 हजार मजदूरों का योगदान माना जाता है। इसका मुख्य गुंबद 80 फीट चौड़ा और 60 फीट ऊंचा है।
“ताजमहल” का अर्थ
ताज महल का नाम उर्दू भाषा के शब्द ‘ताज’ से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है मुकुट। ताजमहल को बनाने में सफेद संगमरमर पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। यह अपने आलीशान वास्तुकला, सुंदर सजावट, और समाधि की भव्यता के लिए मशहूर है। ताज महल के निर्माण में उस समय की परम्परागत और मुग़ल शैली की वास्तुकला का एक बेमिसाल अंदाज देखने को मिलता है।
इसके अलावा, ताज महल का निर्माण बेजोड़ पत्थर, मार्बल, पेत्रा और गहरे लाल पत्थरों का प्रयोग करके किया गया है।
पत्नी की याद में बनवा दी भव्य इमारत
ताज महल का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहाँ की तरफ से उसकी पत्नी मुमताज़ महल की याद में हुआ था। मुमताज़ महल की मृत्यु के बाद, शाहजहाँ ने उसके स्मारक के रूप में ताज महल का निर्माण करवाया। ताज महल का निर्माण कई वर्षों का समय लिया और इसे निर्माण के लिए विभिन्न कलाकारों और विशेषज्ञों की टीम ने बेमिसाल कौशल का प्रदर्शन किया।
ऊंचे गुम्बद, मिनारे, जालियां बढ़ाती हैं खूबसूरती
ताज महल का वास्तुकला मुग़ल शैली में है, जो कि उस समय की संस्कृति, स्थापत्य, और ऐतिहासिक परंपराओं का विस्तार करती है। यह ऊंचे गुंबदों, मिनारों, और जालियों से भरपूर है, जो इसकी खूबसूरती को और भी बढ़ाते हैं।
ताज महल की खासियत में शामिल उन्नत कला, विविधता, और आधुनिकता का मेल है। इसकी संरचना में व्यक्तिगत और सामाजिक भावनाओं का परिचय होता है, और यह एक साहसिक कला और विज्ञान का प्रदर्शन है।
Up में हैं और कई खूबसूरत इमारतें
ताजमहल के अलावा, उत्तर प्रदेश में और भी कई ऐतिहासिक स्थल हैं जैसे कि अगरा का किला, फतेहपुर सीकरी, और इतिमाद-उद-दौला का मकबरा। यहाँ के ऐतिहासिक स्थलों की संरक्षण और विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई पहल की है।
भारत और दुनिया के लिए गर्व का विषय
ताजमहल भारत की सर्वाधिक प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण धरोहरों में से एक है। इसकी सुंदरता, वास्तुकला, और महत्व उसे दुनियाभर में एक नायाब इमारत बनाते हैं।
ताजमहल भारतीय संस्कृति और इतिहास का महत्वपूर्ण अंग है। इसकी बेहद समृद्ध इतिहास और खूबसूरती ने इसे एक बेमिसाल और मशहूर स्थान बनाया है। यह न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक गर्व का विषय है।