नामचीन कवि से सजा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का मंच
सगीर अमान उल्लाह ब्यूरो
बाराबंकी। देवा मेला के ऑडिटोरियम में गुरुवार की रात अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर कवि सम्मेलन कार्यक्रम की शुरुआत की। कवि सम्मेलन कार्यक्रम के संयोजक राय स्वरेश्वर बली और सह संयोजक कवि डॉ अम्बरीष अम्बर के नेतृत्व में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश के विभिन्न हिस्सों से आए नामचीन कवियों ने अपनी अपनी रचनाएं पढ़ी। कवि सम्मेलन की शुरुआत लखनऊ की कवयित्री शशि श्रेया ने माँ सरस्वती वंदना की वंदना पढ़कर की। इसके बाद अंबेडकर नगर के ओज कवि अभय सिंह निर्भीक ने देश के सैनिकों पर अपनी कविता, सीना ताने स्वाभिमान का सीमाओं पर हम रहते हैं सैनिक के चरणों में सादर शीश झुकाता हूँ, इसके बाद खाकी वर्दी के बेटों की सच्चाई भी सुन लेना तुम आदि पर देशभक्ति का जोश भरा। इसके बाद मैनपूरी के हास्य कवि, विनोद राजयोगी ने अपनी कविता रोज किसी दुकान का ताला टूट रहा है, कविता पढ़ी तो श्रोताओं की तालियों से ऑडिटोरियम गूंज उठा। इसके बाद एक से बढ़कर एक कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। दिल्ली की कवयित्री शैलजा सिंह ने अपनी पक्तियां, यहीं कहीं पर खो गया कॉलेज वाला प्यार, पर खूब तालियां बटोरी। विख्यात गीतकार विष्णु सक्सेना ने अपनी रचना, रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा, एक आई लहर कुछ बचेगा नहीं, तुमने पत्थर सा दिल हमको कह तो दिया पत्थरो पर लिखोगें तो मिटेगा नहीं और दूसरी रचना, तू जो ख्वाबों में भी आ जाये तो मेला कर दे, गम के मरुस्थल में भी बरसात कर दे। देर रात तक कवि सम्मेलन चलता रहा। कवि सम्मेलन कार्यक्रम की अध्यक्षता बलिया के ओज कवि नंद जी नंदा ने किया और संचालन रायबरेली के ओज कवि डॉ नीरज पांडेय शून्य’ ने किया। इस अवसर पर विशेष रूप से आमंत्रित अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे। इसके साथ ही सर्वश्री एसीजेएम रोहित शाही, एडीएम अरुण कुमार सिंह, एसडीएम आर जगत साईं, एसडीएम केडी शर्मा, सीओ सुमित त्रिपाठी और मेला कमेटी के सम्मानित सदस्यगण उपस्थित रहे।
गुरुवार को देवा मेला में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का मंच देश के नामचीन कवियों और कवयत्रियों सजा जिसमें पद्मश्री डॉ सुरेन्द्र दुबे, हास्य,छत्तीसगढ़,गीतकार विष्णु सक्सेना,मणिका दुबे जबलपुर मध्यप्रदेश,अशोक चारण ओज राजस्थान,विनोद राजयोगी हास्य मैनपुरी,शैलजा सिंह,दिल्ली,डॉ नीरज पाण्डेय,’शून्य’ओज रायबरेली,अभय निर्भीक अम्बेडकर नगर ओज नंद जी’नंदा’ बलिया ओज शशि श्रेया लखनऊ,अखंड प्रताप सिंह गीत लखनऊ, हलधर गोंडवी गीतकार गोंडा, डॉ अम्बरीष अम्बर ओज बाराबंकी।