- किले की वास्तुकला देख हैरान हुए छात्र
- सदियों पुराना है किले का इतिहास
- 1857 की क्रांति में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका
अशरफ अली
बाराबंकी। जहांगीराबाद इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी बाराबंकी के आर्किटेज क्लब द्वारा सीतापुर स्थित महमूदाबाद के किले का भ्रमण किया गया। इस भ्रमण का उद्देश्य संस्थान के छात्र छात्राओं को महमूदाबाद किले की वास्तुकला की भव्यता और ऐतिहासिक महत्त्व के साथ साथ क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रमाण के रूप का दर्शन कराना था ।
विरासत के संरक्षण के लिए छात्रों से अपील
भ्रमण से पूर्व संस्थान के डायरेक्टर श्री संदीप सिंह मेजर जनरल रिटायर्ड ने अपने सम्बोधन में कहा की इस तरह के आयोजनों से सांस्कृतिक पहचान विरासत कला वास्तुकला ज्ञान विश्वास अभिव्यक्ति के परिदृश्य को बनाये रखता है उन्होंने छात्रों से स्थानीय सांस्कृतिक विरासत और संरक्षण में स्वेछा से योगदान देने की अपील भी की।
1857 की क्रांति में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका
यह किला लगभग २० एकड़ परिसर का हिस्सा है और कोठी अवध महल वास्तुकला का एक प्रमाणित उदहारण है।
ये मुग़ल काल और उसके बाद ब्रिटिश कोलोनियल युग के दौरान महमूदाबाद के शासको के लिए एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक और आवासीय परिसर के रूप में उपयोग किया गया। महमूदाबाद किले ने सन 1857 युद्ध के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी और उस समय अंग्रेज़ो द्वारा किले को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।
वास्तु कला देख आश्चर्यचकित हुए छात्र
यह किला सदियों पुराने इतिहास से समृद्ध और जटिल वास्तुशिल्प विवरणों से सुसज्जित था। छात्र छात्राएं और शिक्षक किले की भव्य सरंचना उसके राजसी गुम्बदों और अलंकृत नक्काशी की भव्यता से आर्श्चयचकित थे जो पुराने युग की कहानी को दर्शा रहे थे।
इस हेरिटेज विजिट में संस्थान के रजिस्ट्रार श्री मसर्रत अली खान, श्री अब्दुल अहद, श्री सय्यद मेराज ,श्री बिलाल फारूकी शिक्षकों केअलावा तकरीबन 45 छात्र छात्रों ने भ्रमण लिया।